Friday, March 8, 2019

आकस्मिक और अकाल मृत्यु




पहला प्रारब्ध का फल है और दूसरा नया पाप कर्म।

कोई व्यक्ति दुर्घटना से, पानी में डूबकर, बिजली लगने से,सांप काटने से या हार्ट फेल हो जाने से मर जाता है, तो इसे आकस्मिक मृत्यु कहेंगे।

नैसर्गिक मृत्यु की तरह ही यह प्रारब्ध का फल है।

जब आदमी जानबूझकर आत्महत्या करता है,जैसे फांसी लगा ले, आग लगा ले, तथा जहर खा ले आदि- आदि, तो इसे अकाल मृत्यु कहेंगे।

इसमें जीव की आयु पूरी नहीं हुई, यह पलायन है और इसे नया पाप कर्म माना जाता है।

मनुष्य को देह, पुरानी वासनावों को विधिपूर्वक छयकर,परमात्मा की प्राप्ति के लिए, बिधि के विधान अनुसार दी गई है।

उसे विना सदुपयोग के नष्ट करना, ईश्वर की ओर से दंडनीय अपराध है।


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