वैदिक धर्म परिचय-7/7,सांख्य निष्ठा (ज्ञानयोग) की पूर्णता :हिंदू धर्म का प्रयोगात्मक पक्ष निचे की 6 पोस्टों (photo) द्वारा उजागर किया गया है।कल्याण कामी साधक उसके विज्ञान को समझकर व आचरण में अपनाकर जीवन सफल कर सकता है:-
अपने(आत्मा) को जानने का उपाय ➡ब्रह्मनिष्ठ से सुनें ➡ मनन करें ➡अंतर्मुखी बुद्धि दृष्टि से निश्चय करें। भगवान की सत्ता व नामजप में अडिग विश्वास तथा पाने की आकुलता होनी चाहिए। वे स्वयं प्रकट हो जाते हैं ,ढूंढना नहीं पड़ता।
Sunday, June 19, 2022
Wednesday, June 1, 2022
श्री राम कथा
बालकांड
- पंचदेव व शक्ति सहित परंब्रम्ह की प्रार्थना:-वर्णानामर्थसंघानाम रसानां छंदसामपि।मंगलानां च कर्तारौ वंदे वाणीविनायकौ।।मूक होइ वाचाल पंगु चढ़ई गिरवर गहन। जासु कृपा सो दयाल द्रवहु सकल कलिमल दहन।।नील सरोरुह स्याम तरुण अरुन बारिज नयन।करउ सो मम उरधाम सदा क्षीरसागर सयन।।कुंद इंदु सम देह उमा रमन करूना अयन ।जाहि दीन पर नेह करउ कृपा मर्दन मयन।।बंदउ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।महामोह तम पुंज जासु वचन रविकर निकर।।उद्भव स्थिति संहारकारिणीं क्लेसहारिणीम।सर्वश्रेयस्करीम सीतां नतोहं रामवल्लभां।यन्मायावशवर्ति विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरा।यत्सतवादिमृषैव भाति सकलं रजौ यथाहेभ्रम:।। यत्पादप्लवमेकमेव हि भावाम्भोधेस्तितीर्षीवतां।वंदेम तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्।।मानस धारावाहिक का प्रयोजन:-तुलसी मेटै रूप निज बिंदु सीय के रूप ।देखि लखै सीता हिये राघव रेफ अनूप।।तुलसी जो तजि सीय को बिंदु रेफ में चाहु।तो कुभ्भी मँह कल्प सत जाहु जाहु परिजाहु |
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