अपने(आत्मा) को जानने का उपाय
➡ब्रह्मनिष्ठ से सुनें
➡ मनन करें
➡अंतर्मुखी बुद्धि दृष्टि से निश्चय करें।
भगवान की सत्ता व नामजप में अडिग विश्वास तथा पाने की आकुलता होनी चाहिए। वे स्वयं प्रकट हो जाते हैं ,ढूंढना नहीं पड़ता।
वैदिक धर्म परिचय-6/7, योग निष्ठा की पूर्णता: वेदोक्त कर्मकांड रूप कर्मयोग और उपासनाकांड रूप भक्तियोग दोनों का अंतर्भाव योग निष्ठा में है।पराभक्ति(भरतजी) और परमज्ञान दोनों एक ही अवस्था के दो रूप हैं:-
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