अपने(आत्मा) को जानने का उपाय
➡ब्रह्मनिष्ठ से सुनें
➡ मनन करें
➡अंतर्मुखी बुद्धि दृष्टि से निश्चय करें।
भगवान की सत्ता व नामजप में अडिग विश्वास तथा पाने की आकुलता होनी चाहिए। वे स्वयं प्रकट हो जाते हैं ,ढूंढना नहीं पड़ता।
यदि सांसारिक उपलब्धियों का यथार्थ आभास हो चुका हो, तो अपने अधिष्ठान भगवान की अनुभूति के लिए तीन योगमार्गो- कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग में किसी एक को चुने।
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