Tuesday, January 7, 2020

गोमाता को जानिये

गौ रक्षा मानव समाज का परम धर्म है।
भारतीय गाय सूर्य से विकिरण होने वाली ऊर्जा को ग्रहण कर, पंचगव्य( दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर) द्वारा ,सृष्टि को वितरित करती रहती है ।
इस महान यज्ञ करने वाली गौ माता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
यज्ञाचरण के बिना ,संसार- चक्र पर्यावरण प्रदूषण के कारण ,सुचारू रूप से नहीं चल सकता।
गौ की बिना किसी प्रकार का यज्ञ नहीं हो सकता। सारी सृष्टि, देवता तथा मनुष्य गौ के द्वारा ही पुष्ट होते हैं।
खेती में शक्ति के लिए बैलों की उपेक्षा कर, केवल पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भर करना ,अकाल को निमंत्रण देना है ।
गोबर,गोमूत्र  के अभाव में पृथ्वी मां,अन्न देना बंद कर देंगी।
विद्या विहीन मैकाले -पद्धति प्रदत्त,अविद्या- विद्वानों के मूर्खतापूर्ण रसायनिक पांडित्य से, पांचों तत्व- भूमि जल तेज वायु तथा आकाश  प्रदूषित हो रहे हैं और जीव दैहिक, दैविक ,भौतिक तापों से पीड़ित है ।
इतने पर भी आसुरी प्रकृति वाले गौ मांस भक्षण जैसे महापाप में जुटे हैं ।
यह लोग श्री गीता मंत्र 16 .19 के अनुसार दंडित तो होंगे ही ,लेकिन दैवी प्रकृति वाले इस जघन्य अपराध के प्रतिकार करने के, दायित्व से बच नहीं सकते।

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