Sunday, July 28, 2019

भक्ति सुतंत्र सकल सुख खानी



शरणागति की महिमा



शरणागति



अनन्य शरणागति का प्रभाव





सुखी जीवन









सत्य बोध



अपने को कैसे जाने




वृद्धावस्था





गीता व मानस जैसे ग्रंथ रहते देश में भ्रष्टाचार व अशांति है



जीवन - अकेलेपन से एकांत की ओर एक यात्रा





अकेलापन' इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है।
और 'एकांत'- इस संसार में सबसे बड़ा वरदान। 

ये दो समानार्थी दिखने वाले शब्दों के अर्थ में आकाश -पाताल का अंतर है। अकेलेपन में छटपटाहट है तो एकांत में आराम है। अकेलेपन में घबराहट है तो एकांत में शांति। जब तक हमारी नज़र बाहर की ओर है तब तक हम अकेलापन महसूस करते हैं और जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी (आध्यात्मिक) तो एकांत अनुभव होने लगता है। 

ये जीवन और कुछ नहीं वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की ओर एक यात्रा ही है, ऐसी यात्रा जिसमे रास्ता भी हम हैं, राही भी हम हैं और मंज़िल भी हम ही हैं...!!